School Holiday : अगले तीन दिनों तक स्कूल रहेंगे बंद, भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन देखे पूरी जानकारी ।

School Holiday: अक्टूबर का महीना शुरू होते ही जहां लोग त्योहारों की तैयारी में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों से एक परेशान करने वाली खबर सामने आई है। लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन यानी जीटीए ने पूरे इलाके के स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया है। यह निर्णय बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है ताकि किसी भी तरह का नुकसान न हो।

3 दिनों तक स्कूल बंद रहेंगे

गोरखालैंड प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि दार्जिलिंग, कुर्सियांग और कालिम्पोंग जैसे इलाकों में 8 से 10 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। इसमें सरकारी, निजी, मिशनरी और तकनीकी संस्थान सभी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा है कि 13 अक्टूबर से स्कूल फिर से सामान्य रूप से खुल जाएंगे।

पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है जिससे कई जगह भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। सड़कों पर आवागमन ठप है और कई इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई भी रुक गई है। लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है लेकिन मौसम अभी भी चुनौती बना हुआ है।

प्रशासन ने जारी की चेतावनी

जीटीए अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल हालात सामान्य नहीं हैं इसलिए सभी को घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है। स्कूल बंद रहने के दौरान छात्रों से ऑनलाइन पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा गया है। प्रशासन ने कहा कि जब तक मौसम पूरी तरह सामान्य नहीं होता तब तक सावधानी बरतना जरूरी है।

मिली जानकारी के अनुसार अब तक भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से करीब 36 लोगों की जान जा चुकी है। एनडीआरएफ की टीम लगातार राहत कार्य में लगी हुई है। कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और पर्यटकों को भी इलाके से बाहर निकालने का काम किया जा रहा है।तइस बारिश ने लोगों की खुशियों पर पानी फेर दिया है। कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है और बाजारों में सन्नाटा छा गया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अगले कुछ दिनों में मौसम सामान्य होगा ताकि जीवन फिर से पटरी पर लौट सके।

 स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी तरह की जोखिम भरी जगहों पर न जाएं। बारिश रुकने के बाद भी पहाड़ी इलाकों में मिट्टी ढीली रहती है जिससे खतरा बना रहता है। इसलिए सभी को सतर्क रहना चाहिए और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

 

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